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Regular Course Fee: 25,000/- 15,000/-

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Batch Timings: 10:00 am to 12:30 pm

Course Language: Hindi Medium

Course Duration: 10 Months (Includes NCERT)

Course Mode: Online

Batch Starting: 11th Sep 2023

यूपीपीएससी की तैयारी के बारे में संक्षिप्त जानकारी

उत्तर प्रेदेश सिविल सेवा की तैयारी का पाठ्यक्रम भी यूपीएससी की ही तरह काफी विशद है। ऐसे में यह अति आवश्यक हो जाता कि इस मत्वपूर्ण व कठिन परीक्षा के लिए उचित मार्गदर्शन उपलब्ध हो। तैयारी के दौरान बिना सटीक मार्गदर्शन के भटकाव हो सकता है, जो किसी भी अभ्यर्थी के लिए घातक है। अतः हम यहाँ आपको यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु की जानकारी देंगे।

  1. यूपीपीएससी परीक्षा के बारे में
  2. यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी हेतु ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कोचिंग
  3. यूपीपीएससी के लिए इकरा (IQRA) आईएएस ही क्यों ?
  4. इंटरनेट पर कंटेन्ट (सामग्री) की भरमार
  5. पात्रता मानदंड
  6. यूपीपीएससी परीक्षा की तैयारी हेतु रणनीति
  7. पुस्तक सूची

यूपीपीएससी परीक्षा को सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (सामान्य चयन/विशेष चयन) कहा जाता है। यह परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है-

  • प्रारम्भिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकृति)
  • मुख्य परीक्षा (लिखित/वर्णनात्मक प्रकृति)
  • साक्षात्कार (मौखिक प्रकृति)

प्रारंभिक परीक्षा

  • यूपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) होती है। वर्तमान में प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं-
    • प्रथम प्रश्नपत्र (सामान्य अध्ययन)
    • द्वितीय प्रश्नपत्र (सीसैट- सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट)
  • यूपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के उक्त दोनों पेपर में गलत उत्तर के लिये निगेटिव मार्किंग (1/3) का प्रावधान है।
  • दोनों प्रश्नपत्र दो भाषाओं में दिये गए होते हैं-हिन्दी एवं अंग्रेज़ी। प्रश्न की भाषा संबंधी किसी भी विवाद की स्थिति में अंग्रेज़ी भाषा में मुद्रित प्रश्नों को वरीयता दी जाती है।
  • यूपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार के अंकों के साथ नहीं जोड़ा जाता है। प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति क्वालिफाइंग प्रकार की होती है।

प्रथम प्रश्नपत्र (सामान्य अध्ययन)

  • यूपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का होता है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 150 एवं अधिकतम अंक 200 निर्धारित हैं।
  • इस परीक्षा में अभ्यर्थियों के योग्यताक्रम का निर्धारण उनके प्रथम प्रश्नपत्र के अंकों के आधार पर किया जाता है।

द्वितीय प्रश्नपत्र (सीसैट)

  • 2012 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति में बदलाव किया था। इस बदलाव में प्रारंभिक परीक्षा के द्वितीय प्रश्नपत्र में पूछे जाने वाले वैकल्पिक विषय (वस्तुनिष्ठ प्रकृति) के स्थान पर सीसैट के प्रश्नपत्र को अपनाया गया।
  • सीसैट के पेपर में प्रश्नों की कुल संख्या 100 एवं अधिकतम अंक 200 निर्धारित हैं। इसमें सफल होने के लिये न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
  • गौरतलब है कि वर्ष 2016 से सीसैट के पेपर को क्वालिफाइंग कर दिया गया है। इसमें सफल होने के लिये न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।

मुख्य परीक्षा

  • जो अभ्यर्थी यूपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण हो जाते हैं, उन्हें इसकी मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलता है। मुख्य परीक्षा का आयोजन आयोग द्वारा प्रयागराज एवं लखनऊ में विभिन्न केंद्रों पर किया जाता है।
  • यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा में कुल 8 प्रश्नपत्र होते हैं, जो अनिवार्य प्रकृति के होते हैं-
    • सामान्य अध्ययन के छः प्रश्नपत्र
    • सामान्य हिन्दी का एक प्रश्नपत्र
    • निबंध का एक प्रश्नपत्र
  • प्रत्येक प्रश्नपत्र को हल करने की अवधि 3 घंटे की होती है।
  • सामान्य अध्ययन के छः प्रश्नपत्रों के लिये अधिकतम 1200 अंक निर्धारित हैं, प्रत्येक प्रश्नपत्र के लिये 200 अंक है। निबंध के प्रश्नपत्र हेतु 150 अंक और सामान्य हिन्दी के लिये भी 150 अंक निर्धारित किए गए हैं।
  • इस प्रकार यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा कुल 1500 अंकों की होती है।
  • उल्लेखनीय है कि निबंध के प्रश्नपत्र को हिन्दी, अंग्रेजी अथवा उर्दू तीन में से किसी भी भाषा में लिखा जा सकता है। निबंध के प्रश्नपत्र में तीन खंड होते हैं, प्रत्येक खंड से एक प्रश्न करना अनिवार्य है। इस प्रकार तीन निबंध लिखने होते हैं। एक निबंध के लिए शब्द सीमा 700 शब्दों की है। एक निबंध 50 अंकों का होता है।

साक्षात्कार (इंटरव्यू)

  • यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिये बुलाया जाता है।
  • आयोग ने साक्षात्कार हेतु कुल 100 अंक निर्धारित किए हैं।
  • इसमें आयोग के सदस्य मौखिक रूप से प्रश्न पूछते हैं, जिनका उत्तर मौखिक रूप से ही दिया जाता है। इस प्रकार साक्षात्कार की प्रकृति मौखिक होती है।
  • साक्षात्कार का उद्देश्य अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण है। आयोग द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है।
  • उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर अंतिम रूप से मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) जारी की जाती है। इस प्रकार अभ्यर्थी द्वारा मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर ही उसका चयन होता है।
  • वर्तमान में ऑनलाइन कोचिंग का दौर है। कोविड-19 महामारी के बाद ऑनलाइन कोचिंग का दायरा काफी त्वरित गति से बढ़ रहा है।
  • ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही कोचिंगों के अपने फायदे हैं और नुकसान भी हैं। इसलिए अब हाइब्रिड माडल पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है।
  • हाइब्रिड माडल में ऑफलाइन माध्यम में जो क्लास विद्यार्थी करता है, उस क्लास को विद्यार्थी के आईडी पर डिजिटल रूप में भेज दिया जाता है। इससे  विद्यार्थी को यह सहूलियत रहती कि यदि कोई कांसेप्ट समझ में नहीं आया है तो उसे दोहराया जा सके। इसके अलावा अनुपस्थिति की स्थिति में भी विद्यार्थी क्लास को बाद में देख सकता है।
  • समान्यतया अभ्यर्थियों के मन में एक प्रश्न जरूर उठता है कि यूपीपीएससी की तैयारी के लिए इकरा (IQRA) आईएएस ही क्यों ज्वाइन किया जाये? इसका उत्तर है कि कानपुर में इकरा (IQRA) आईएएस द्वारा वही गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में उपलब्ध हैं, जैसे-
    • इकरा (IQRA) में दिल्ली के अनुभवी शिक्षकों की समर्पित टीम है।
    • यहाँ यूपीपीएससी के परीक्षा के तीनों चरणों (प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार) की तैयारी समग्र रूप से कराई जाती है।
    • यूपीपीएससी के पाठ्यक्रम के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की व्यापक ढंग से कवरेज की जाती है।
    • हमारे यहाँ यूपीपीएससी के पाठ्यक्रम के सभी विषयों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की कक्षाएँ उपलब्ध हैं।
    • विस्तृत विश्लेषण, फीडबैक और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन से, हमारे छात्रों को यूपीपीएससी आयोग द्वारा आयोजित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में सफलता मिलना निश्चित है।
    • हम यूपीपीएससी के नवीन पाठ्यक्रम के मुताबिक मानक व त्रुटि रहित कंटेन्ट (सामग्री) उपलब्ध कराते हैं।
    • प्रारंभिक एवं मुख्य दोनों परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन टेस्ट सीरीज कराई जाती है। इसके अलावा, नियमित रूप से क्लास टेस्ट भी लिया जाता है, जिसका मूल्यांकन शिक्षक खुद करते हैं।
  • उपरोक्त सुविधाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि कानपुर में यूपीपीएससी की तैयारी के लिए इकरा (IQRA) आईएएस ही बेहतर विकल्प है।
  • वेबसाइट ,यूट्यूब एवं अन्य डिजिटल प्लेटफार्म पर वीडियो, आडियो व मुद्रित कंटेन्ट (सामग्री) की भरमार है। ऐसे में अभ्यर्थी द्वारा (खासकर नए अभ्यर्थी द्वारा) उचित कंटेन्ट को पहचान पाना काफी मुश्किल है। उसके भटकाव की प्रबल संभावना है।
  • आज अभ्यर्थी के सामने सबसे बड़ा प्रश्न यह नहीं है कि उसे क्या पढ़ना है ? उसे पहले यह देखना चाहिए क्या नहीं पढ़ना है। जब अभ्यर्थी को यह जानकारी हो जाएगी कि उसे अपनी परीक्षा के लिए क्या नहीं पढ़ना है तो वह वही चीजें पढ़ेगा जो परीक्षा(एक्जाम) के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • इसलिए नए अभ्यर्थी को पहले कोचिंग के कंटेन्ट पर विश्वास करना चाहिए। जब अभ्यर्थी की दक्षता एक स्तर तक पहुँच जाती है तो वह इंटरनेट से अपनी परीक्षा के लिए उपयोगी सामग्री की पहचान कर सकता है।
  • यूट्यूब पर अभ्यर्थी को उन्हीं टॉपिक से संबन्धित वीडियो देखने चाहिए जिसमें कन्फ़्यूजन हो। इसके अलावा, यूट्यूब एवं वेबसाइट का उपयोग करेंट अफेयर्स के लिए भी किया जा सकता है।
  • शैक्षिक अर्हता:- आवेदन पत्र स्वीकार किये जाने की अन्तिम तिथि तक अभ्यर्थियों को भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की स्नातक उपाधि अवश्य धारित करनी चाहिए। किन्तु कतिपय पदों हेतु विशिष्ट अर्हतायें भी हैं,जिनका विवरण निम्नवत् है :-
पदनामअर्हताएँ
उपनिबंधक, सहायक अभियोजन अधिकारी (परिवहन)विधि स्नातक
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी / एसोसिएट डीआईओएस और अन्य समकक्ष प्रशासनिक पद, जिला प्रशासनिक अधिकारीस्नातकोत्तर
जिला लेखा परीक्षा अधिकारी (राजस्व लेखा परीक्षा)वाणिज्य स्नातक
सांख्यिकी अधिकारीकिसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से गणित/गणितीय सांख्यिकी/सांख्यिकी/कृषि सांख्यिकी में स्नातकोत्तर डिग्री
सहायक श्रमायुक्त

अर्थशास्त्र/समाज शास्त्र/वाणिज्य/विधि/श्रम संबंध/श्रम

कल्याण/श्रम विधि/समाज कार्य/समाज कल्याण/व्यापार

प्रबंधन/ कार्मिक प्रबंधन में परास्नातक उपाधि।

 

  • जो अभ्यर्थी स्नातक के अंतिम वर्ष में है, वह भी इस परीक्षा में बैठ सकता है।
  • आयु सीमा: सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए यूपीपीसीएस के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष है। एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवार अधिकतम आयु सीमा के अलावा 5 वर्ष की छूट का दावा कर सकते हैं।
वर्गअधिकतम आयु सीमा में छूट
ओबीसी उम्मीदवार5 वर्ष
एससी उम्मीदवार5 वर्ष
एसटी उम्मीदवार5 वर्ष
शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवार15 वर्ष
उत्तर प्रदेश के सूचीबद्ध खेलों के कुशल खिलाड़ी5 वर्ष
उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व सैनिक जिन्होंने सेना में पांच साल की सेवा प्रदान की है5 वर्ष
उत्तर प्रदेश के शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी5 वर्ष
उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के कर्मचारी5 वर्ष
  • वैवाहिक प्रास्थितिः- ऐसे विवाहित पुरूष अभ्यर्थी, जिनकी एक से अधिक जीवित पत्नियाँ हों तथा महिला अभ्यर्थी जिन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह किया है जिसकी पहले से ही एक पत्नी हो,पात्र नहीं होंगे,जब तक कि महामहिम राज्यपाल ने उक्त शर्त से छूट प्रदान न कर दी हो।
  • वर्तमान में प्रारंभिक परीक्षा काफी मुश्किल हो गई है। अतः प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम के सभी बिन्दुओं का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करना चाहिए।
  • प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम को क्षैतिज विस्तार में पढ़ना चाहिए, जबकि मुख्य परीक्षा में डेप्थ नालेज (गहन ज्ञान) की आवश्यकता होती है।
  • हालाँकि मुख्य परीक्षा के साथ-साथ ही प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी ज्यादा लाभप्रद है। इससे कांसेप्ट के साथ-साथ फैक्ट्स (तथ्यों) की भी तैयारी हो जाती है।
  • क्लास नोट्स के अलावा अभ्यर्थी को एनसीईआरटी (कक्षा 6 से लेकर 12 तक) की किताबों को अच्छे से पढ़ना चाहिए, ताकि सभी विषयों की आधारभूत समझ तैयार हो सके।
  • कोई एक न्यूज पेपर को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए, इससे समसामयिक मुद्दों पर आपकी बेहतर समझ विकसित होगी। इसके अलावा करेंट अफेयर्स भी तैयार होता रहेगा।
  • साक्षात्कार की तैयारी एक दिन में नहीं होती है। व्यक्तित्व विकास एक सतत प्रक्रिया है। इकरा (IQRA) आईएएस में व्यक्तित्व विकास पर काफी ध्यान दिया जाता है, ताकि विद्यार्थी को साक्षात्कार के लिए तैयार किया जा सके।
  • प्रारंभिक परीक्षा के लिए घटनाचक्र पूर्वालोकन में यूपीपीसीएस के प्रश्नों का अध्ययन बार-बार करना चाहिए। इससे हमें यह पता चलता है कि आयोग किस प्रकार के और किन टापिक्स (Topics) से प्रश्न बनाता है।
  • यूपीपीसीएस परीक्षा में विगत वर्षों में आए हुए प्रश्नों का अध्ययन अति आवश्यक होता है (प्रारम्भिक एवं मुख्य दोनों परीक्षाओं हेतु)।
  • अभ्यर्थी को अपने बेसिक्स को मजबूत करने के लिए एनसीईआरटी पर जरूर फोकस करना चाहिए।
  • एनसीईआरटी के अलावा हर विषय की एक गाइड बुक को लिया जा सकता है, ताकि ज्ञान में कसाव आ सके।
  • प्राचीन भारत का इतिहास: 11वीं क्लास की पुरानी एनसीईआरटी (रामशरण शर्मा), लूसेंट की सामान्य अध्ययन की किताब
  • मध्यकालीन भारत का इतिहास: 11वीं क्लास की पुरानी एनसीईआरटी (सतीश चंद्र), लूसेंट की सामान्य अध्ययन की किताब
  • आधुनिक भारत का इतिहास: स्पेक्ट्रम, 12वीं क्लास की पुरानी एनसीईआरटी (बिपिन चंद्र)
  • भूगोल: कक्षा6 से लेकर कक्षा 12 तक की एनसीईआरटी (11वीं और 12वीं की अधिक महत्वपूर्ण हैं), महेश कुमार बर्नवाल, सवीन्द्र सिंह, जी.सी. लिओंग, ओरिएंट ब्लैकस्वान एटलस, ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट एटलस ।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था: रमेश सिंह, योजना और कुरुक्षेत्र पत्रिका, प्रतियोगिता दर्पण का अतिरिक्तांक, एस.एन. लाल। अर्थव्यवस्था में करेंट अफेयर्स काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए न्यूज़पेपर और कोई एक मासिक पत्रिका का अध्ययन करना चाहिए।
  • सामान्य विज्ञान: 6वीं से 12वीं तक की एनसीईआरटी की किताबें, लूसेंट की सामान्य ज्ञान की किताब
  • पर्यावरण: इग्नू (IGNOU) का पर्यावरण, दृष्टि (Drishti) आईएएस की पर्यावरण की किताब, कक्षा 12 की एनसीईआरटी की जीव विज्ञान (अंतिम चार अध्याय)।
  • राजनीति विज्ञान: एम. लक्ष्मीकांत
  • उत्तर प्रदेश विशेष: उत्तर प्रदेश विशेष के लिए उपकार प्रकाशन की पुस्तक, पीडी की वार्षिक पुस्तक, राज्य विशेष के लिए घटना-चक्र पूर्वालोकन , परीक्षा वाणी
  • नीतिशास्त्र: लेक्सिकन
  • भारतीय समाज: 11वीं और 12वीं क्लास की एनसीईआरटी (समाजशास्त्र)
  • कला एवं संस्कृति: 11वीं क्लास की एनसीईआरटी, नितिन सिंघानिया

सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र – I)

  • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ : राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाओं की जानकारी अभ्यर्थियों को रखनी होगी।
  • भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन : इतिहास के अंतर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा।
    • भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आंदोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
  • भारत एवं विश्व का भूगोल : भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल : विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अंतर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होंगे।
  • भारतीय राजनीति एवं शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक मुद्दे आदि : भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अंतर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
  • आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी अंतर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशिएटिव आदि: अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके संबंधों के परिप्रेक्ष्य में किया जाएगा।
  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संबंधी सामान्य विषय, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन : इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
  • सामान्य विज्ञान : सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।

नोट: अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो।

 

सामान्य अध्ययन (प्रश्नपत्र – II)

  • काम्प्रिहेन्सन (विस्तारीकरण)।
  • अंतर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें संप्रेषण कौशल भी समाहित होगा।
  • तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता।
  • निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान।
  • सामान्य बौद्धिक योग्यता।
  • प्रारंभिक गणित हाईस्कूल स्तर तक-अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित व सांख्यिकी।
  • सामान्य अंग्रेज़ी हाईस्कूल स्तर तक।
  • सामान्य हिन्दी हाईस्कूल स्तर तक।

प्रारंभिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय

  1. अंकगणित

(i) संख्या पद्धति: प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय-अपरिमेय एवं वास्तविक संख्याएँ, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्याएँ। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक तथा उनमें संबंध।

(ii) औसत।

(iii) अनुपात एवं समानुपात।

(iv) प्रतिशत।

(v) लाभ-हानि।

(vi) ब्याज-साधारण एवं चक्रवृद्धि।

(vii) काम तथा समय।

(viii) चाल, समय तथा दूरी।

  1. बीजगणित

(i) बहुपद के गुणनखंड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक एवं उनमें संबंध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण।

(ii) समुच्चय सिद्धांत: समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच संक्रियाएँ (संघ, प्रतिछेद, अंतर, समिमित अंतर), वेन-आरेख।

  1. रेखागणित

(i) त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलंब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण संबंधी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल।

(ii) गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा घन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल।

  1. सांख्यिकी : आँकड़ों का संग्रह, आँकड़ों का वर्गीकरण, बारंबारता, बांरबारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारंबारता, आँकड़ों का निरूपण, दंडचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारंबारता बहुभुज, संचयी बारंबारता वक्र, केंद्रीय प्रवृत्ति की माप-समांतर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक।

General English Upto Class X Level

  1. Comprehension
  2. Active Voice and Passive Voice
  3. Parts of Speech
  4. Transformation of Sentences
  5. Direct and Indirect Speech
  6. Punctuation and Spellings
  7. Words & Meanings
  8. Vocabulary & Usage
  9. Idioms and Phrases
  10. Fill in the Blanks

सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषय

(1) हिन्दी वर्णमाला, विराम चिह्न

(2) शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ

(3) शब्द-रूप

(4) संधि, समास

(5) क्रियाएँ

(6) अनेकार्थी शब्द

(7) विलोम शब्द

(8) पर्यायवाची शब्द

(9) मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ

(10) तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)

(11) वर्तनी

(12) अर्थबोध

(13) हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ

(14) उत्तर प्रदेश की मुख्य बोलियाँ

सामान्य हिन्दी

(1) दिये हुए गद्य खंड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर। (2) संक्षेपण। (3) सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र। (4) शब्द ज्ञान एवं प्रयोग (अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय, (ब) विलोम शब्द (स) वाक्यांश के लिये एक शब्द (द) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि (5) लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे।

निबंध

  • निबंध हिंदी, अंग्रेज़ी अथवा उर्दू में लिखे जा सकते हैं।
  • निबंध के प्रश्नपत्र में 3 खंड होंगे। प्रत्येक खंड से एक-एक विषय पर 700 (सात सौ) शब्दों मे निबंध लिखना होगा। प्रत्येक खंड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खंडों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबंध के प्रश्न होंगे।
खंड (क)खंड ()खंड ()
साहित्य और संस्कृतिविज्ञान,पर्यावरण और प्रौद्योगिकीराष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम

सामाजिक क्षेत्र

 

आर्थिक क्षेत्र

 

प्राकृतिक आपदाएँ : भू-स्खलन भूकंप, बाढ़, सूखा आदि।

 

राजनीतिक क्षेत्र

 

कृषि, उद्योग एवं व्यापार

राष्ट्रीय विकास योजनाएँ एवं परियोजनाएँ

 

 

सामान्य अध्ययन का पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – I

  1. भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला-रूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्त्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।
  2. आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई. से 195% ई. तक)- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं समस्याएँ इत्यादि।
  3. स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान।
  4. स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई. तक)।
  5. विश्व के इतिहास में 18वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएँ जैसे फ्रांसीसी क्रांति 1789, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुन: सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे।

 

  1. भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएँ।
  2. महिला-समाज और महिला-संगठनों की भूमिका, जनसंख्या तथा संबद्ध समस्याएँ, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और समाधान।
  3. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।
  4. सामाजिक सशक्तीकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
  5. विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल, मिट्टियाँ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व-एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में)।
  6. भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएँ- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएँ, पवन एवं हिम सरिताएँ।
  7. भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता।
  8. मानव प्रवास- विश्व की शरणार्थी समस्या – भारत उपमहाद्वीप के संदर्भ में।
  9. सीमांत तथा सीमाएँ- भारत उपमहाद्वीप के संदर्भ में।
  10. जनसंख्या एवं अधिवास- प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2

  1. भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना। संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका।
  2. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
  3. केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका।
  4. शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएँ। वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग।
  5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना।
  6. संसद और राज्य की विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित विषय।
  7. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित वाद (पी.आई.एल.)।
  8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
  9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियाँ, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व।
  10. सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत- उनकी विशेषताएँ एवं कार्यभाग।
  11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के मुद्दे एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.)।
  12. विकास प्रक्रियाएँ- गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता सहायतार्थ संस्थाएँ, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक।
  13. केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
  14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित विषय।
  15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय एवं राजनीतिक व्यवस्था के लिये इनका निहितार्थ।
  16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय।
  17. लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका।
  18. भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध।
  19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और / अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
  20. भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
  21. महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्यभाग।
  22. क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के समसामयिक घटनाक्रम।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 3

  1. भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ, नीति (एन.आई.टी.आई.) आयोग की भूमिका, सतत् विकास के लक्ष्य (एस.डी.जी.)।
  2. गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास।
  3. सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली।
  4. प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पादन का भंडारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-तकनीकी।
  5. अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि अनुदान तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली-उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएँ, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भंडार, कृषि संबंधित तकनीकी अभियान।
  6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
  7. भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार।
  8. भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक विकास पर प्रभाव।
  9. आधारभूत संरचना : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि।
  10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति का दैनिक जीवन में अनुप्रयोग।
  11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण। नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, द्विअनुप्रयोगी एवं तकनीकि उपयोगी प्रौद्योगिकियाँ।
  12. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, ऊर्जा स्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्यागिकी क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से संबंधित मुद्दे।
  13. पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन।
  14. आपदा: गैर-पारंपरिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबंधन।
  15. अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ- आणविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तंत्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउंडरिंग तथा मानव तस्करी।
  16. भारत की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ- आतंकवाद, भ्रष्टाचार, बगावत तथा संगठित अपराध।
  17. सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन।
  18. कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 4

  1. नीतिशास्त्र तथा मानवीय अंत:संबंध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम: नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र।
  2. अभिवृत्ति : अंतर्वस्तु (कंटेंट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।
  3. सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर-तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करुणा।
  4. संवेगात्मक बुद्धि : अवधारणाएँ तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग।
  5. भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान।
  6. लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र : स्थिति तथा समस्याएँ, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएँ, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था।
  7. शासन व्यवस्था में ईमानदारी : लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
  8. उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।

 

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 5

  1. उत्तर प्रदेश का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं प्राचीन नगर।
  2. उत्तर प्रदेश की वास्तुकला, उसकी महत्ता एवं रख-रखाव, संग्रहालय, अभिलेखागार एवं पुरातत्व।
  3. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में 1857 से पहले एवं बाद में उत्तर प्रदेश का योगदान।
  4. उत्तर प्रदेश के सुविख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व।
  5. उत्तर प्रदेश में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्दे : सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा एवं साहित्य / बोली, सामाजिक प्रथाएँ एवं पर्यटन।
  6. उत्तर प्रदेश की राजव्यवस्था- शासन प्रणाली, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, विधान सभा एवं विधान परिषद, केंद्र-राज्य संबंध।
  7. उत्तर प्रदेश में लोक सेवाएँ, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षा, महान्यायवादी, उच्च्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र।
  8. उत्तर प्रदेश विशेष राज्य चयन मानदंड, राजभाषा, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनीतिक दल एवं राज्य निर्वाचन आयोग।
  9. उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्वशासन : शहरी एवं पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार संबंधी मुद्दे।
  10. उत्तर प्रदेश सुशासन, भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेंस सूचना का अधिकार, समाधान योजना।
  11. उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार एवं इसका प्रभाव।
  12. उत्तर प्रदेश में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे-
    • उग्रवाद के प्रसार एवं विकास के बीच संबंध
    • बाह्य, राज्य एवं अंतर राज्यीय सक्रियकों से आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौतियों पैदा करने में संचार नेटवर्कों, मीडिया एवं सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका।
    • साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियम, कालेधन को वैध बनाना एवं इसकी रोकथाम।
    • विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियाँ और उनके शासनादेश/ अधिकार-पत्र।
    • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन, संगठित अपराधों का आंतकवाद से संबंध।
  13. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं नागरिक अधिकार सुरक्षा।
  14. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय मुद्दे।
  15. उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्रणाली।
  16. भारत के विकास में उत्तर प्रदेश की भूमिका।
  17. उत्तर प्रदेश की समसामयिक घटनाएँ।
  18. जल शक्ति मिशन एवं अन्य केंद्रीय योजनायें एवं उनका क्रियान्वयन।
  19. उत्तर प्रदेश में गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) : मुद्दे, योगदान एवं प्रभाव।
  20. उत्तर प्रदेश में पर्यटन: मुद्दे एवं संभावनायें।
  21. उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार : इसके मुद्दे एवं इसका समाज में रोज़गार एवं सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव।

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 6

  1. उत्तर प्रदेश का आर्थिक परिदृश्य : अर्थव्यवस्था एवं राज्य बजट की मुख्य विशेषताएँ, बुनियादी ढाँचा एवं भौतिक संसाधनों का महत्त्व।
  2. उत्तर प्रदेश का व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग।
  3. उत्तर प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएँ, परियोजनाएँ एवं नियोजित विकास, मानव संसाधन एवं कौशल विकास।
  4. उत्तर प्रदेश में निवेश मुद्दे एवं प्रभाव।
  5. उत्तर प्रदेश की लोक वित्त एवं राजकोषीय नीति, कर एवं आर्थिक सुधार, एक जिला एक उत्पाद नीति।
  6. उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा एवं गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की योजना एवं प्रबंधन।
  7. उत्तर प्रदेश की जनांकिकी, जनसंख्या एवं जनगणना।
  8. उत्तर प्रदेश में कृषि का व्यावसायीकरण एवं कृषि फसलों का उत्पादन।
  9. उत्तर प्रदेश की नवीन वानिकी नीति।
  10. उत्तर प्रदेश की कृषि एवं सामाजिक वानिकी।
  11. उत्तर प्रदेश में कृषि विविधता, कृषि की समस्याएँ एवं उनका समाधान।
  12. उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विकासीय सूचकांक।
  13. उत्तर प्रदेश का भूगोल : भौगोलिक स्थिति, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु सिंचाई, खनिज, अपवाह प्रणाली एवं वनस्पति।
  14. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभयारण्य।
  15. उत्तर प्रदेश में परिवहन तंत्र।
  16. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास, शक्ति संसाधन एवं अधोसंरचना।
  17. उत्तर प्रदेश में प्रदूषण एवं पर्यावरण के मुद्दे, प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं इनके कार्य।
  18. उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक संसाधन : मृदा, जल, वायु, वन, घास मैदान, आद्रभूमि।
  19. उत्तर प्रदेश के जलवायु परिवर्तन एवं मौसम पूर्वानुमान से संबंधित मुद्दे।
  20. उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अधिवास पारिस्थितिकी तंत्र- संरचना एवं कार्य, समायोजन, जीव-जंतु एवं वनस्पतियाँ।
  21. उत्तर प्रदेश में विज्ञान एवं तकनीक के मुद्दे, प्रसार एवं प्रयत्न।
  22. उत्तर प्रदेश में मत्स्य, अंगूर, रेशम, फूल, बागवानी एवं पौध उत्पादन तथा उत्तर प्रदेश के विकास में इनका प्रभाव।
  23. उत्तर प्रदेश के विकास में सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करना।

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Preparing for the UP-PCS exam demands dedication and the right mentorship, which can be accessed through our UP-PCS coaching classes, available both online and offline. Allow us to guide you on your journey to ace the UP-PCS exam preparation.

Course Overview:

  • Experienced Faculty: Our course is led by a team of highly skilled instructors who are not just experienced educators, but also have real-life experience in cracking the UP-PCS examination
  • Personalised Coaching: Understanding that every student is unique, we offer personalized coaching that caters to individual strengths and weaknesses, with regular one-on-one mentoring sessions
  • Comprehensive Study Material: Our course comes with in-depth and up-to-date study material curated by experts, keeping in line with the UP-PCS syllabus and the latest exam patterns
  • Mock Tests & Assessments: Frequent mock tests and assessments ensure you are well-prepared and understand the UP-PCS examination format. This practice also helps build confidence to tackle the actual exam
  • Offline & Online Classes: With both offline and online classes available, students can learn at their own pace and convenience
  • Interactive Doubt Sessions: Regular interactive doubt-clearing sessions ensure that all student queries are addressed, promoting a thorough understanding of each topic
  • Current Affairs Updates: Regular updates and insights into current affairs are provided, which are crucial for the UP-PCS examination
  • Life-Long Learning: Once enrolled, students are part of our learning community even after the course completion. They will continue to receive important updates and tips that can help in their professional journey
  • Interview Preparation: Apart from the written examination, we provide comprehensive training for the interview stage, with mock interviews conducted by former UP-PCS members or experienced civil servant

Class Timings:

  • 10 am to 12:30 pm
  • Recording of the Classes can be Watched anytime 24×7
  • For Course Enquiry, Please Call 9823256625 or 9579247470

Fee Details:

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Our Focus is to Develop Conceptual Clarity as per UP-PCS Requirements by Teaching the Basic Concepts in Simple Language. Giving Examples From Daily Walks of Life, as well as Developing the Students’ Personality

The Uttar Pradesh Public Service Commission (UP-PCS) is a respected and crucial organization tasked with sourcing talented individuals to fill positions within the State Services of Uttar Pradesh. Each year, the UP-PCS hosts the highly esteemed UP-PCS examination – a significant gateway to numerous posts within the Uttar Pradesh government departments and ministries.

Upon the release of the annual notification, potential candidates are encouraged to apply for this pivotal examination through online means. This webpage aims to provide you, the aspiring UP-PCS candidate, with comprehensive information about the UP-PCS examination process, as well as effective strategies for preparation.

Keep in mind that preparation can take various forms, fitting your personal needs and preferences. You can opt for traditional offline study methods or leverage the advantages of UP-PCS online coaching classes. Together, let’s embark on your journey towards success in the UP-PCS examination.

Guidance is pivotal to success, particularly in the arena of State Public Service Exams. Coaching services, though not a mandatory choice, can significantly amplify a student’s odds of success. They act as accelerators in your journey, streamlining your efforts and maximizing your potential.

These coaching services exist to decrease the burden on aspirants, guiding them towards precisely what needs to be studied, saving precious time and energy. They offer valuable insights into the examination pattern and adapt to the ever-evolving nature of these exams.

But remember, enrollment in UP-PCS coaching doesn’t equate to a guaranteed triumph. Instead, it provides a conducive learning environment that fosters comprehensive development – a key ingredient to succeed in any examination. Your dedication and perseverance remain the ultimate game-changers.

• Flexibility in Learning: Unlike the rigid schedules of traditional, in-person UP-PCS coaching, our online platform provides you with the flexibility to learn at your own pace. This eliminates the need for time-consuming commutes between home, school, or work, giving you more time to focus on your studies.

• Never Miss a Lesson: The beauty of our online UP-PCS coaching lies in its ability to accommodate your schedule. Whether you’re a working professional or a busy homemaker, the power to learn is always at your fingertips. With access to our online classes anytime, anywhere on your digital devices, you can rest assured that no important topic or lecture will be left uncovered.

• Budget-Friendly & Affordable Courses: While conventional UP-PCS exam preparation coaching can range from Rs.50,000/- to Rs.75,000/- our online coaching platform offers an affordable alternative without compromising on quality. Step into the future of learning with our cost-effective and comprehensive solution to UP-PCS exam preparation.

IQRA IAS is the one-stop solution to all your queries in the realm of Civil services. In addition to an excellent team of faculty members, we ensure that top-quality study material is readily available, eliminating the need for students to search elsewhere. Candidates preparing for their UP-PCS exams can count on IQRA IAS, as we offer a comprehensive learning environment that promotes their holistic development.

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  • Over 400+ hours of comprehensive UP-PCS Foundation Course lectures. The course offers in-depth, topic-wise coverage of the UP-PCS Syllabus, delivered by experienced, reliable faculty and subject matter experts, supported by a constantly updated content team. Individualized attention is a core part of our teaching approach.
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Uttar Pradesh Public Service Commission conducts the examination in three stages – Prelims, Mains, and Interviews.

Preliminary Examination

  • In prelims, there are two papers, which comprise 150 questions of General Studies paper I as well as 100 questions of CSAT, paper II. It is important to remember that, PAPER II is qualifying in nature and only marks of Paper I will be counted in preparing the merit list of the Preliminary examination. Also, marks of the Preliminary examination will be counted in preparing the merit list of Preliminary examination only and these marks will not be counted in final selection of candidate. Hence, only marks of mains examination and interview will be counted in preparing cutoff of Uttar Pradesh Public service Commission Examination.
  • Candidates should note that paper of prelims is of two hours and there will be negative marking for wrong answers (0.66).
  • Paper I : General Studies
  • Paper II : CSAT
PaperSubjectTotal QuestionsDuration of ExamMax Marks
Paper 1General Studies1502 hours200
Paper 2CSAT1002 hours200
Total4 hours400

 

Syllabus of Preliminary Examination:

  • General Science: In general science basically questions are asked from; Physics, Chemistry, Biology up to 10th standard level.
  • Current Affairs of National/International importance: Current Affairs is the biggest portion from which questions are asked. Preparation of UP-PCS is dependent upon, how strong or weak your current portion is. For current affairs candidates must prepare for at least 12 months, as in recent times old current affairs is also being emphasized by UP-PCS Body.
  • History of India and Uttar Pradesh: General understanding of the subject with the broad aspects of the history of Uttar Pradesh. Although the basic understanding of every topic pertaining to History of India and UP is required; But, most of topics should be read in current context.
  • Geography of India and UP: General geography and geographical division of UP and its major river systems: Questions will relate to physical, social and economic geography of the country including the main features of Indian agricultural and natural resources. Most of the questions will be asked related to particular industries and their location so, mapping work is very important to understand the basic requirement of Geography preparation.
  • Indian Polity: Questions will test knowledge on the country’s political system, Panchayati raj, community development and planning in India and Uttar Pradesh.
  • Indian Movements and Contribution of Uttar Pradesh in it: Question will relate to the nature and character of the nineteenth-century resurgence, growth of nationalism and attainment of Independence with special reference to Uttar Pradesh.
  • Questions based on General Mental Ability

Syllabus of Mains Examination

In mains examination, you will have total of eight papers:

  1. Language Paper Hindi (150 marks, 3 hours)
  2. Essay paper (150 marks, 3 hours)
  3. Paper I: General studies paper (200 marks, 3 hours)
  4. Paper II: General studies paper (200 marks, 3 hours)
  5. Paper III: General studies paper (200 marks, 3 hours)
  6. Paper IV: General studies paper (200 marks, 3 hours)
  7. Optional paper I (200 marks, 3 hours) NEW GS PAPER V as per new syllabus
  8. Optional paper II (200 marks, 3 hours). NEW GS PAPER V as per new syllabus

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Embarking on your journey to succeed in the Uttar Pradesh Public Service Commission (UP-PCS) exams requires a robust strategy, unwavering determination, and the right resources. The first step is to familiarize yourself with the exam syllabus and pattern. Knowing the landscape of the examination helps you set a clear path for your preparation.

Once you have a solid understanding of the syllabus, create a realistic and detailed study schedule. Allocate time for each subject based on its weightage in the exam and your own strengths and weaknesses. Remember, consistent effort beats cramming any day, so make sure you stick to your schedule and put in regular hours of study.

Take advantage of resources such as UPSC-specific textbooks, guidebooks, and online platforms like IQRA IAS, which provide comprehensive and up-to-date study material. Leverage the power of technology and supplement your learning with online classes and video lectures. These tools can help you grasp complex topics with ease and efficiency.

Practicing with previous years’ question papers and mock tests is crucial. It not only enhances your time management skills but also gives you a feel of the actual exam scenario. Finally, remember to keep yourself updated with current affairs and general knowledge, which form a significant part of the exam.

Preparation for UP-PCS is a marathon, not a sprint. Stay focused, keep your end goal in sight, and with the right resources like IQRA IAS, your journey to success in UP-PCS will be well within your reach.

For Prelims

  • You have to focus on the basics for the UP-PCS Prelims. So, read the syllabus thoroughly. Then, go through the Previous Year’s Question papers and understand what the exam demands. The syllabus and Question papers will help you to decide what to study and what to omit.
  • Newspaper: Read the newspaper daily. Follow what the Centre, as well as the state, is doing for the people. You also have to pay attention to facts and famous personalities from Uttar Pradesh.
  • NCERTs: These are government-authorized books and form the basis of your exam preparation. You have to read these books properly to understand advanced-level books. If you have read these books before, a speed reading will also do. Do not skip these under any circumstances.
  • Read fewer books: Prepare a proper booklist for your preparation. Do not read every book that is available for a particular subject. Pick the best ones and revise those books again and again. Although you can supplement those reading. Follow the principle of Read minimum and Revise Maximum!
  • Notes: Keep your notes very short and precise. As you finish one chapter or topic, prepare notes. It will take you a long way till the final day of your exams.
  • Revision is the key: The inevitable step is revision. Revise as much as you can. And practice answer writing from the first day itself. You will be way ahead in the competition.
  • Mock Tests: Appear for multiple mock tests to polish your knowledge. Regular mock tests will train your brain to get prepared for the final day. The Prelims stage is the first most important stage because it will help you move into the Mains stage. So, keep practicing by appearing for mock tests. Further, mock tests will train your brain to acquire the technique of answering by elimination method as well.

To guide and help you plan a strategy, subject-wise distribution of marks from past years has been listed below:

For Paper I: Subject Expected number of questions as Per the current trends

  • Ancient History, Medieval History, Culture, Modern History 15-20
  • Indian Polity + International Relations 10-12
  • Geography 10-15
  • Economic & Social Development 05-07
  • Science + Tech 12-20
  • Environment + Biodiversity 10-12
  • Uttar Pradesh General Knowledge 15-20
  • Current Events [National + International] 25-30
  • Misc (Awards, Organisations, etc) 4-5

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For Paper II: Subject Expected number of questions as Per the current trends

  • Logical Reasoning 30-35
  • Mathematical Ability 30-35
  • Behavioral Psychology + Interpersonal Skills + Decision Making & Problem Solving 20-25
  • English (Comprehension, blanks) 15

For Mains:

  • Newspaper: Again, read the newspaper daily. Read about government policies, and also international affairs. You have to pay attention to facts about your state as well.
  • NCERTs: Read these books to form a strong background of the subjects.
  • Government Websites: Supplement your studies with material from government websites like Policy Research Studies, Yojana, UPSC , etc. The material on these websites is 100% correct.
  • Government Websites: Supplement your studies with material from government websites like Policy Research Studies, Yojana, UPSC , etc. The material on these websites is 100% correct.
  • Keep your shorter booklist: Prepare a proper booklist for your preparation. Do not read every book that is available for a particular subject. Pick the best ones and revise those books again and again. Although you can supplement those reading. Follow the principle of Read minimum and Revise Maximum!
  • Notes: Prepare comprehensive notes. It means that you must prepare Prelims and Mains notes together. This will help you to prepare for both the stages from an early stage.
  • Mock Tests: Practice lots of answer writing. You will be able to develop speed and answer writing skills.
  • Revision is the key: The inevitable step is revision. Revise as much as you can. You will be way ahead in the competition.

For Interview
For personality tests/interviews, you have to sit for mock interviews. This will help you to experience Q and A round with an interviewer panel which will prepare your body and mind for the final day. So, enhance your personality through Mock Interviews. Furthermore, go through your application form from tip to toe and keep yourself updated with the latest current issues so that you are able to talk about them.

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Terms and Condition

  1. Online Course: Any videos provided to students are copyright and solely belongs to IQRA IAS downloading and sharing of videos is strictly prohibited. If found, then IQRA IAS is liable to take legal action
  2. Once a student takes admission the fee registration amount will not be refunded under any circumstances.
  3. In case a student wishes to cancel the admission and wish to refund the amount then he has to initiate the request within 15 days after making the payment of the fee. After that, no fees will be refunded.
  4. For a student who fails to pay the fees before the due date his/her account will be suspended after the due date is crossed and will be reinstated once the payment of the fee is done.
  5. In this event, IQRA IAS will not be responsible for any loss of lecture during the suspension period.
  6. Online Lecture: If there is an issue with the student’s system/ ISP / Internet speed, etc IQRA IAS will not be responsible in case the student did not watch the video/lecture within the available time.